
फोटोग्राफर दोस्तों क्या आप को ऐसा नहीं लगता की हमारा फोटोग्राफर्स का एक ऐसा संघटन हो जो हम फोटोग्राफर्स की बात को सरकार तक ताकत से पहुंचाए और उस बात को पूरा करवाए।
आज भारत में फोटोग्राफर्स के बहुत सरे संघटन मौजूद है। हर कोई अपने हिसाब से काम कर रहा है। राष्ट्रिय लेवल के संघटन मौजूद है लेकिन आम फोटोग्राफर की बात उन तक नहीं पहुँचती। देहात का फोटोग्राफर ये सोचता है राष्ट्रिय संघटन का और मेरा कुछ लेना देना नहीं है। इस सोच ने हम सब फोटोग्राफर्स को टुकड़ो में बाँट दिया है। बड़े संघटन इस बात पर क्या काम कर रहे है आम फोटोग्राफर और वैक्तिक मुझे भी कुछ पता नहीं।
आज हर तालुका स्तर पर दो या उस से अधिक फोटोग्राफर्स के संघटन या असोसिएशन मौजूद है। हर कोई ये कहता है हमारा संघटन फोटोग्राफर्स के हित में काम कर रहा है। लेकिन आपस में संघटन स्तर पर कॉम्पिटिशन कर के हम आपनी ताकत को कमजोर कर रहे है। मै मानता हु जो कोई भी संघटन बना रहा है वो फोटोग्राफर्स के हित में ही बनाता है। लेकिन इस वजह से फोटोग्राफर्स की एकता नहीं रहती। हमारी कोई बात सरकार या प्रशासन तक नहीं पहुँचती। इसे बदलना होगा।
हम क्या कर सकते है ?
१] भारत के सभी राष्ट्रिय ,राज्जीय ,जिला स्तर ,तालुका स्तर के सभी संघटनो को एक साथ मिल कर एक ही राष्ट्रिय संघटन के बारे में विचार करना होगा। ये कठिन काम है। आज तक हम एक दूसरे के साथ स्पर्धा करते आ रहे है तो एक जगह आने में मुश्किल होगी। लेकिन अगर सभी संघटन के फोटोग्राफर्स सदस्य अपने संघटन पर दबाव बनाये तो सभी एक मंच पर आ सकते है।
२] जो रष्ट्रीय स्तर का संघटन बनने जा रहा है उस का सदस्य भारत का हर फोटोग्राफर हो। चाहे शहर का फोटोग्राफर हो या गाँव देहात का फोटोग्राफर हो हर एक इस संघटन में शामिल हो और उस को संघटन में सेवा करने में मौका मिले।
3] मतदान प्रक्रिया के माध्यम से देश के प्रत्येक तालुका के प्रतिनिधि का चयन किया जाना चाहिए। फिर जिला प्रतिनिधि, राज्य प्रतिनिधि का चुनाव मतदान के माध्यम से किया जाता है। हर फोटोग्राफर को 3 वोट मिलते हैं।
४] सब राज्य स्तर के प्रतिनिधियों ने साथ मिल कर अपना एक चैयरमेन चुन कर संघटन के काम को देश के कोने कोने तक पहुंचाए। संघटन देश की हर फोटोग्राफर की आवाज बने।
दोस्तों इन मेरी बातो का कुछ लोग मजाक उड़ाएंगे। लेकिन मई जो बोल रहा हु उस की जरुरत है या नहीं ये आप को पता है। आज हर संघटन का प्रतिनिधि राज्य सरकार या केंद्र सरकार में मौजूद है अपने संघटन की आवाज वो उठाता है। आप को नहीं लगता की हमारा अपना कोई जो हम फोटोग्राफर्स की आवाज उठाये। क्या संघटन का काम फोटो एक्सिबिशन तक फोटोग्राफर्स को ले जाने तक रह गया है। अगर किसी फोटोग्राफर की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है तो आज हम उस के परिवार की मदद के लिए फोटोग्राफर्स को आव्हान करते है। ठीक है हमे मदद करनी चहिये। लेकिन सरकार से कोई मदद नहीं मिलती। ऐसा क्यों ? सरकार में हमारी आवाज उठाने वाला कोई नहीं है। और सरकारों को पता है फोटोग्राफर्स असंघटित है टुकड़ो में बंटे हुए है।
फोटोग्राफी क्षेत्र के सभी बुद्धिजीवी फोटोग्राफर्स को इस बारे में सोच विचार कर के फैसला लेना चाहिए। देश के सभी संघटनो को एक छत के निचे लेकर सब को भरोसे में लेकर राष्ट्रिय संघटन की नींव रखनी चहिये। ये काम आसान नहीं लेकिन आम फोटोग्राफर्स क साथ अगर मिल जाए तो ये काम आसानी से वजूद में आ सकता है।
धन्यवाद
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